भारत भू के कण कण से, मुझको बहुत ही प्रीत है। यहाँ प्रकृति के दृश्यों में, बजता रहता भारत भू के कण कण से, मुझको बहुत ही प्रीत है। यहाँ प्रकृति के दृश्यों में, ...
तन पे लंगोटी ,चश्मा और लाठी था प्रिय जिन्हें चरखा और खादी सत्य- अहिंसा के थे जो अनुग तन पे लंगोटी ,चश्मा और लाठी था प्रिय जिन्हें चरखा और खादी सत्य- अहिंसा के...
बांधों तो ऐसे कि जैसे प्रसव पीड़ा, बंध जाती है शिशु के कोमल स्पर्श से। बांधों तो ऐसे कि जैसे प्रसव पीड़ा, बंध जाती है शिशु के कोमल स्पर्श से।
विनती प्रभु से है सदा, बनाएं सेवक मुझे तुम्हारा, मेरा जीवन संवारा तुमने,आजीवन ऋणी मैं विनती प्रभु से है सदा, बनाएं सेवक मुझे तुम्हारा, मेरा जीवन संवारा तुमने,आजीवन...
इस कविता के माध्यम से मैं मातृभूमि के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करना चाहती हूँ| इस कविता के माध्यम से मैं मातृभूमि के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करना चाहती हूँ| ...
तुम्हारे होने से, मुझे... खुद के होने का... एहसास होता है… तुम्हारे होने से, मुझे... खुद के होने का... एहसास होता है…